हमारे जन्म के साथ ही हमारे जीवन की रेलयात्रा भी शुरू हो जाती है। हमारे पहले साथी होंगे हमारे माँ-बाप। हमें इस बात पर उम्मीद रहेगा कि वे सदा के लिए हमारे ही साथ देंगे।
समय के साथ इस यात्रा में और
कुछ लोगों के चढाई और उतराई भी होता रहेगा। जैसे कि, हमारे दोस्तों, हमारे प्यार, बाद में बीवी,बच्चे आदि।
ऐसे ही गुजरती हुई इस यात्रा में अनिवार्य अवसर पर हमारे माँ-बाप हमें अकेले में छोड़कर गुजर जाते हैं। वैसे ही औरों भी अपने अपने मँजिलों पर उतरकर हमें ऐसी एक रिक्त स्थान को महसूस कराते हैं।
इस सफर में सुख,दुख,इंतजार, स्वागत, बिदाई सब शामिल होते हैं। प्रायः हमारा कर्तव्य यह होगा कि सभी यात्रियों के साथ बेहतर रिश्ता रखने का।
गुप्त विषय यह है कि हमारे मँजिल कब और कहाँ, जहाँ हमें भी उतरना पडें।इसलिए हम इस पर्यटन में प्यार और क्षमा जैसे सद्भावनाओं का अनुसरण करें, ताकि जब हमें उतरना पडें तब साथी पर्यटकों को हमारे प्यार भरे रिश्ते की यादगार छोड़ कर जाएँ।
Train journey…is the best n relaxing
LikeLike
Bahot baddhiya 🙂
LikeLike