ज्योतिष शास्त्र

पांडवों में से सहदेव, ज्योतिष शास्त्र में प्रवीण था। कुरुक्षेत्र युद्ध के लिए दुर्योधन सहदेव से ही युद्ध शुरू करने का सही दिन निश्चित करवाया। सहदेव की ज्योतिष पर सबको इतना अडिग भरोसा था। उसे भी इस विषय पर अपने पर थोड़ा -अधिक घमंड था।

लेकिन कर्ण के मृत्यु के समय में ही उसे पता चला कि कर्ण उन्हीं के भाई है । इसके बाद सहदेव को ज्योतिष शास्त्र द्वारा इस विषय के बारे में जानकारी न होने पर बहुत दु:ख हुआ। और ज्योतिष शास्त्र पर भरोसा कम हो गया।

१८ दिन के कुरुक्षेत्र संग्राम के बाद सहदेव ने श्री कृष्ण से अपने मन की बात कहा कि, ” ज्योतिष शास्त्र सच नहीं है । मैं इस ज्योतिष शास्त्र द्वारा सबका जन्म रहस्य जान सका, लेकिन कर्ण अपने सगे भाई होते हुए भी, इस विषय को जान न सका।”

श्री कृष्ण इसका जवाब देते हुए कहा कि ” यदि ज्योतिष शास्त्र द्वारा तुम्हें सब कुछ पता हो जाए तो मेरे अस्तित्व का कारण क्या हो सकता है???”। इसे सुनकर सहदेव चौंक गया। उसे अपने ज्योतिष शास्त्र ज्ञान का घमंड जो था वह नीचे गिरा। मानव जितना ही ज्ञानी हो वह ९९% ही हो सकता है। बाकी १% सिर्फ ईश्वर के हाथों में ही होती है। जय श्री कृष्ण। 🙏🙏🙏

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13 thoughts on “ज्योतिष शास्त्र”

  1. Jai Shri Krishna. What a beautiful inspiring story! Very proud to be your friend as you have presented it very well in Hindi. Fantastic. 🙏🙏🙏😊😊😊♥️♥️♥️

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    1. Thanks aparna, one of my friend jayanthi used to send me spiritual messages in Tamil. I translate them as far as I can. But I don’t have deep knowledge like you, Ashish, madhusudan ji . But this is my effort of conveying something good to the society. Thanks for your support ❤️☺️

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  2. ये तो सत्य ही है, ईश्वर के पुर्ण रुप को जानने के लिए कोई भी शास्त्र संपूर्ण नहीं है। बल्कि शास्त्र तो ज्ञान का मार्ग दे कर हमें जीवन जीने की कला और ईश्वर के प्रति भक्ति बढ़ाती है।

    ईश्वर की महीमा को कोई भी जान नहीं सकता है और जो जान सकता है वो उनसे दुर नही रह सकता है।

    वो कहते हैं “ना मैं उनसे दुर था, ना वो मुझसे दुर था, नज़र ना आता था तो कमबख़्त नज़र का कसूर था”

    बहुत ही प्रेरणादायक कहानी है🙏ईश्वर के प्रति भक्ति को जागृत करने वाली।
    बहुत बहुत धन्यवाद आण्टी आपका❤❤💚💚🤗😇😇

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  3. हम परमात्मा के अंश हैं परमात्मा नही। ज्ञान परमात्मा से मिला सकता है। परमात्मा भी बना सकता है। मगर फिर हम हम नही रह पाएंगे।
    हमें खुद को कायम रखने हेतु ही ईश्वर 1% ज्ञान से अनजान रखते हैं हमें।
    कोई भी शास्त्र अपूर्ण नही। अपूर्ण हमारी ज्ञान है। वह भी हमें कायम रखने के लिए।
    बहुत ही खूबसूरत पोस्ट।🙏

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