वृन्दावन में श्री कृष्ण के वेणुगान सुनकर सभी लोग मंत्रमुग्ध हो जाते थे। आज भी हर एक रात को वहां के लोगों को वेणुगान सुनाई देती है। लेकिन इसे “रेकार्ड ” नहीं कर सकते हैं।

श्री कृष्ण के बांसुरियां तीन तरह के होते हैं। १) वेणु, २) मुरली और ३) वंशी। १) वेणु – वेणु बहुत छोटी होती है। ६ इंच लम्बाई और इसमें ६ द्वार होते हैं। २) मुरली – मुरली १८ इंच लंबी होती है। इसके एक कोने में एक द्वार और कुल मिलाकर ४ द्वार होते हैं। इसमें से निकलने वाली गीत बहुत मधुर होती है। ३) वंशी – वंशी १५ इंच लंबी होती है और इसमें ५ द्वार होते है।
श्री कृष्ण अलग-अलग समयों पर इन बांसुरियों के इस्तेमाल अलग तरीके से करते हैं। श्री कृष्ण के पास होनेवाले वंशी का नाम महानंदा (या) सम्मोहिनी है। उससे बड़ी वंशी का नाम आकर्षिनी है। और उससे भी बड़ी वंशी का नाम है, आनंदिनी।
गोपालकों को श्री कृष्ण के आनंदिनी के वेणुगान बहुत पसंदित है। श्री कृष्ण के बांसुरियां महंगाई नवरत्नों से सज्जित होती हैं। जय श्री कृष्ण। 🙏🙏🙏
Jai Shree Krishna 🙏🙏🙏🙏. Super fantastic post, Akka. Very lovely. ❤❤❤❤😊😊😊
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Thanks aparna 😊
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Great to know about Shri Krishna’s बांसुरी ।
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Thank you soooooo much aunty for sharing this❤🤗😇
Really very interesting 🤗
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Khubsurat jankari….jai Srikrishna.🙏🙏
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