महाभारत में कर्ण ने श्रीकृष्ण से पूछा कि,
मेरी माँ ने मुझे जन्म देते ही , अनौरस हालत में छोड़ दिया।
गुरु द्रोणाचार्य ने मुझे शिक्षा देने से मना किया सिर्फ इसलिए कि मैं क्षत्रिय नहीं माना गया।
आचार्य परशुराम ने भी मुझे शिक्षा तो दिया लेकिन इसके साथ ही मेरा जन्म रहस्य को जानकर मेरी जरुरती के समय पर सब कुछ भूलजाने की शाप भी तो दे दिया।
एक गाय अकस्मात मेरे अनजाने में अपने तीर की बलि होने पर उसकी मालिक ने मुझे ही इसका कारण कहकर शाप दी।
द्रौपदी के स्वयंवर के अवसर पर मुझे इसमें भाग लेने से धिक्कार किया गया।
आखिर मेरी माँ केवल अपने पंच पांडवों को बचाने के लिए मुझसे वचन लेने के लिए ही सच्चाई बोलने की हिम्मत की, वह भी अकेले में।
इन सबके बगैर दुर्योधन ने मुझे सम्मान की और एक अच्छी दोस्त की भूमिका निभाई। इसलिए कुरुक्षेत्र संग्राम में मेरा उसका पक्ष लेना कैसे गलत हो सकता है???
इन सब बातों को सुनने के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने कहा,
मेरे जन्म तो हुई जेल में। मेरे जन्म से पहले ही मौत मेरी इंतजार कर रही थी। मैं जन्म लेते ही अपने माता पिता से छुडवा गया।
तुम्हारा बचपन तो तलवार, तीर, रथ,घोड़े,सैनिकों के बीच में चली। लेकिन मुझे तो गोशाला में गायों के साथ रहना पडा। मैं तो चलना शुरू करने से पहले ही मुझपर कई तरह के हमले हुए।
बालाभ्यास मिलने के समय पर मुझे शिक्षा नहीं मिला जबकि लोग हर बात पर मुझे ही दोष दे रहे थे। मैं तो गुरु संदीपनी के यहाँ 16 वर्ष के उम्र में ही विद्याभ्यास आरंभ किया।
तुमने तो अपने मन चाहे औरत से विवाह किया। लेकिन मैं ने जिससे प्यार की वह मुझे नहीं मिली और मैं ने जिन्हें बचाया उन्हीं से शादी करना पडा।
मैं तो अपने वालों को जरासंध से बचाने के लिए यमुनातीर से बहुत दूर समुंदर के किनारे पर उन्हें बसाना पडा, जिसके कारण मुझे कायर का पद मिला।
यदि दुर्योधन युद्ध में जीतेगा तो तुझे ज्यादा ही लाभ होगा। किन्तु धर्मराज युधिष्ठिर जीतने से मुझे क्या मिलेगा। सिर्फ युद्ध का इलजाम।
एक विषय ध्यान में रखना जरूरी है, हर किसी व्यक्ति को जीवन में अलग अलग तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
जीवन तो इतना आसान और सुखद कभी नहीं हो सकता। कठिनाइयों का सामना करने के कारण यदि हम बुरे रास्ते को चुनें तो वह सही नहीं होगा।
हमारे मंजिल हमारे जूते तय नहीं करते, बल्कि हम किस तरफ अपने कदमों को आगे बढाते, वही तय करते।
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Very inspiring – हम किस तरफ अपने कदमों को आगे बढाते…thanks for sharing
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आप जैसे लोगों के समर्थन से ही और भी लिखने की इच्छा बढती है।
धन्यवाद। 🙏
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well done…
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खूबसूरत सन्देश है पद्मजा जी। कृष्ण और कर्ण के जीवन की तुलना पहली बार पढ़ी, बहुत अच्छा लगा।
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धन्यवाद 🤗
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Awesome post with a beautiful message that everyone should follow in their lives. 👍
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